खाता खोलने की प्रक्रिया
प्रारंभिक सावधानियाँ
समस्त प्रकार के बचत खाते (Saving Accounts), चल खाते (Current Accounts), आवर्ती खाते (Recurring Accounts), एवं अन्य जमा खाते शाखा के सक्षम अधिकारी के आदेषानुसार खोले जाना चाहिये।
- खाता खोलते समय शाखा के सक्षम अधिकारी के समक्ष ही समस्त दस्तावेजों पर खातेदार के हस्ताक्षर लिये जाना चाहिये।
- खाता धारक से उनके निवास स्थान का प्रमाण एवं कार्यालय का अथवा व्यवसाय का पता प्रमाण सहित लिया जाना चाहिये/आवष्यक फोन/मोबाइल नम्बर लिये जाना चाहिये।
- समस्त खातों पर खाते धारकों से नामिनेषन लिया जाना है, जिसे एक रजिस्टर में दर्ज कर फार्म में रजिस्ट्रेषन नम्बर दिया जाना चाहिये।
- चैक बुक जारी करते समय प्रत्येक पन्ने पर खाता नम्बर अंकित कर दिया जाना चाहिये।
- खाता धारक से पैन नम्बर (Permanent Account Number- PAN) लिया जाना चाहिये, पैन नम्बर नहीं होने की स्थिति में खाते धारक से फाॅर्म-16 लिया जाना चाहिये।
- खाता धारक केे फोटो ग्राफ सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित किये जाना चाहिये।
- खाता धारकों से कम से कम दो फोटोग्राफ लिये जावें विषेष कर चल खाते, बचत खाते अथवा आवर्ती जमा खातों के पास बुक में फोटो लगाई जाकर दूसरा फोटोग्राफ नमूना हस्ताक्षर कार्ड में लगाकर उसको सत्यापित किया जाना चाहिये।
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मियादी जमा अमानतों के आवेदन फार्म में एक फोटो लगाया जाना चाहिये।
एक से अधिक नामों के खातों/संयुक्त नाम से खोले गये खातों में सभी संयुक्त खाता धारकों का फोटो अनिवार्यतः लिया जाना चाहिये। - लिये गये फोटोग्राफ के पीछे खाता धरक का नाम एवं खाता नम्बर लिखने के बाद ही फोटोग्राफ लगाया जाना चाहिये। नाबालिग खाता धारक के अभिभावक का फोटोग्राफ लिया जाना चाहिये।
खाता खोलने की पात्रता
- व्यक्तिगत एकल नाम से
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दो या दो से अधिक संयुक्त नाम से निम्न शर्तों के आधार पर
- कोई भी एक या उŸारजीवी को ( Either or Survivor )
- संयुक्त रूप से अथवा उŸारजीवी को (Jointly or Survivor)
- कोई भी एक या उŸारजीवी को (Any One or Survivor) कम्पनी, संगठन, पार्टनरषिप फर्म, क्लब, ट्रस्ट, संस्था, सामाजिक संगठन इत्यादि के नाम से खाले जा सकते है।
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नाबालिग खाता जिसकी उम्र 14 वर्ष हो खाता खोला जा सकता है उस खाते का संचालन वह स्वयं कर सकता है।
एक व्यक्ति के नाम से एक ही बचत खाता/चल खाता खोला जाना चाहिये। - संयुक्त नाम से खाता खोलने में खाता संचालन के संबंध में स्पष्ट निर्देष लिये जाने चाहिये।
खाता संचालन हेतु निर्देष:-
उŸारजीवी निर्देष रहित संयुक्त नाम का खाता (Joint Account without Survivorship Clause)
इस प्रकार के खाते संयुक्त हस्ताक्षर से ही परिचालित होते है, इनके खातों में किसी एक की मृत्यु होने पर खाते के संचालन में रोक लगादेना चाहिये। मृत खातेदार के वैधानिक वारिस व्यक्ति के दस्तावेज लेकर आगे खाते का संचालन/समापन किया जाना चाहिये।
उŸारजीवी निर्देषित संयुक्त नाम का खाता (Joint or Survivor with Survivorship)
इस प्रकार के खातों का संचालन सभी संयुक्त खाता धारकों के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है, इन खातों में किसी एक खाते धारक की मृत्यु होनेे पर अन्य जीवित खाते धारकों द्वारा खाते का संचालन जारी रखा जा सकता है।
हम में से एक या उŸारजीवी खाता (Either or Survivor)
इस प्रकार के खाते दो व्यक्तियों के नाम से होते है, जिनमें से किसी भी एक के हस्ताक्षर से खाते का संचालन किया जाता है, इन खातों में किसी एक खाते धारक की मृत्यु की स्थिति में दूसरे जीवित व्यक्ति का खाता संचालन में पूर्ण अधिकार होता है।
कोई एक या उŸाजीवी (Any One or Survivor)
इस प्रकार के खाते दो से अधिक व्यक्तियों के नाम से खोले जाते हैं, जिसका संचालन उनमें से किसी एक के हस्ताक्षर से किया जा सकता है। इनमें से किसी एक की मृत्यु पर शेष जीवित खाता धारकों के संयुक्त हस्ताक्षर से एक नये अधिकार पत्र के आधार पर किया जा सकता है, जिनमें भविष्य में खाता के परिचालन संबंधी निर्देष होंगे। इस प्रकार के खातों में यदि एक व्यक्ति को छोड़कर शेष खाता धारकों की मृत्यु हो जाती है तो जीवित एक व्यक्ति का उस खाते पर पूर्ण अधिकार होगा।
संयुक्त नाम से खाले गये खातों में खाता के परिचालन संबंधी निर्देष अथवा अन्य निर्देष बाद में किसी एक खातेदार के द्वारा रोके जा सकते है अथवा वह अपना नाम वापस ले सकता है।
खातों में परिवर्तन (Single into Joint and Joint into Single)
एक व्यक्ति के नाम से खोले गये खाते में किसी अन्य व्यक्ति/व्यक्तियों का नाम नये परिचालन निर्देष संयुक्त हस्ताक्षर से ग्रहण कर, जोड़े जा सकते है, जिसमें प्राथमिक व्यक्ति के आवेदन पर अनापŸिा के साथ नये खाते परिचालन संबंधी दिषा निर्देष एवं नये फोटोग्राफ नवीन नमूना हस्ताक्षर कार्ड के साथ किये जा सकते है।
विभिन्न श्रेणियों में खाते खोलना एवं परिचालन (Opening and Operating of Account under different categories)
अ) नाबालिग (Minor)भारतीय वयस्कता अधिनियम के अनुसार जिस व्यक्ति/महिला की उम्र 18 वर्ष से कम है वो नाबालिग श्रेणी में आता है, परंतु ऐसे व्यक्ति/महिला जिनके अभिभावक न्यायालय द्वारा निर्धारित किये गये है वो व्यक्ति/महिला 21 वर्ष तक नाबालिग की श्रेणी में आता है।
- नाबालिग से किया गया किसी भी प्रकार का अनुबंध अवैधानिक है। इस प्रकार के खातों में किसी भी प्रकार का अधिविकर्ष अथवा बिल संग्रहण अव्यवहारिक है।
- अभिभावक द्वारा नाबालिग के खाते खोले जा सकते है जिसका संचालन अभिभावक द्वारा ही किया जावेगा रिकार्ड के लिये नाबालिग का जन्म प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिये एवं जन्म दिनांक खाते, फाॅर्म इत्यादि में दर्षाये जाना चाहिये।
- नाबालिग खाते धारकों के बालिग होने के दिनांक के बाद अथवा नाबालिग की मृत्यु होने के बाद अभिभावक खाते का संचालन नहीं कर सकते। नाबालिग की मृत्यु के बाद की वह खाता बंद किया जाना चाहिये।
- नाबालिग खातों में चेक बुक सुविधा दी जा सकती।
- नाबालिग खातों में आहरण करते समय प्रत्येक बार यह लिखना होगा
नाबालिग की ओर से नाबालिग के लिये
हस्ताक्षर अभिभावकFor and on behalf of Minor
Guardian Sign - नाबालिग 12 वर्ष से अधिक उम्र की/का विद्यार्थी है तो वो खाते का संचालन स्वयं कर सकता है।
- भारतीय वयस्कता एवं अभिभावक अधिनियम 1956 के अनुसार एक हिन्दू नाबालिग के उसके प्राकृतिक अभिभावक ही नाबालिग की सम्पŸिा के अधिकारी है नाबालिग बच्चे/बच्ची के पिता अथवा पिता न हाने पर माॅ उसके अधिकारी होंगे।
- नाबालिग विवाहित लड़की का पति अभिभावक है।
- नाबालिग के माता-पिता न होने की स्थिति में अभिभावक का अधिकार न्यायालय द्वारा निर्धारित व्यक्ति ही मान्य होगा।
- अषिक्षित व्यक्ति के बचत खाते अथवा चल खाते से आहरण के समय प्रत्येक बार व्यक्ति को अपनी पास बुक के साथ बैंक आना होगा।
- इन खातों पर चैक बुक सुविधा नहीं दी जावेगी।
- इन खातों को खोलते समय व्यक्ति के बाँये हाथ का अँगूठा निषानी आवेदन फाॅर्म पर, नमूना हस्ताक्षरा कार्ड पर एवं उसकी फोटोग्राफ चिपकाकर सक्षम अधिकारी के सत्यापन करने उपरांत खोेला जाना चाहिये।
- प्रत्येक आहरण के समय ग्राहक को सक्षम अधिकारी के सामने उपस्थित होना होगा।
- खाते में स्पष्ट रूप से ‘’अषिक्षित व्यक्ति’’ (प्ससपजमतंजम च्मतेवद) का उल्लेख किया जाना चाहिये।
- यदि एक अषिक्षित खातेदार किसी अन्य षिक्षित व्यक्ति को खाते का संचालन का अधिकार देता है तो उसे क्षतिवूर्ती ब्राण्ड (Authorisation Cum indessnity) 50/- के स्आम्प पेपर पर देना होगा, जिसका प्रारूप ।ददमगजनतम दृ 1 पीछे संलग्न है।
- अशिक्षित व्यक्ति के नाम से चल खाता नही खोला जाना चाहिये।
- यदि अषिक्षित व्यक्ति संयुक्त नाम से किसी षिक्षित व्यक्ति के साथ खाता खोलता है तो सिर्फ संयुक्त रूप से ही उस खाते का संचालन होगा,इसमें हम दोनों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी को, जैसी कोई सुविधा नही दी जावेगी।
- इस प्रकार के संयुक्त खातों में चेक बुक सुविधा नही दी जाना चाहिये।
- नेत्रहीन व्यक्ति के नाम से खाता खोलने में कोई वैधानिक रूकावट नही है। इस प्रकार के खाते खोलने में एवं परिचालन में विषेष सावधानी की आवष्यकता होती है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति हमेषा दूसरे व्यक्ति पर निर्भर होता है एवं संलिप्तता में गड़बड़ी की संभावना हमेषा रहती है।
- नेत्रहीन व्यक्ति के नमूना हस्ताक्षर लिये जाना चाहिये परंतु इससे अधिक जरूरी व्यक्ति का स्वयं बैंक में पास बुक के साथ उपस्थित होना अनिवार्य है।
सावधानी के तौर पर उसके दाहिने हाथ के अंगूठे की निषानी ली जानी चाहिये।
इन खातों में नाम के बाद ’’नेत्रहीन व्यक्ति खाता’’ बड़े अक्षरों में लिखा जाना अनिवार्य है। हस्ताक्षर मिलान न होने की स्थिति में उसके बायें हाथ की अंगूठा निषानी लेकर सत्यापित कर संव्यवहार किया जाना चाहिये । - नेत्रहीन व्यक्ति खाते के संचालन का अधिकार अपने निकट संबंधी को शाखा प्रबंधक की पूर्ण संतुष्टि के बाद दे सकता है, जिसके लिये उसे एक अधिकार पत्र (Authority Letter) 50/- के स्टाम्प पर देना होगा जिसका प्रारूपर पत्र Annexture-2 में ,पीछे संलग्न है।
- वैधानिक रूप से स्वामी एवं स्वयं स्वामित्व संबंधी कोई भेद नही किया गया है, अतः इस प्रकार के खाते, व्यक्तिगत खाते की ही तरह संव्यवहारिक किये जावेंगे। इस प्रकार के खोले गये खातों में ’’स्वयं स्वामित्व (Sole Propritorship) घोषणा पत्र देना है, जिसका प्रारूप Annexture-3 में पीछे संलग्न है।
- इस प्रकार के खातों में स्वामी /मालिक के हस्ताक्षर सभी आवष्यक जगहों पर निम्नानुसार लिया जाना चाहिये.
वास्ते गणेष ट्रेडिंग कम्पनी
XYZ स्वयं स्वामित्व |
For Ganesh Trading Company
XYZ Sole propritor |
अविभाजित हिन्दू परिवार के सदस्यों के संयुक्त नाम से बैंक खाता खोल सकता है, खाता परिवार के वरिष्ठ पुरूष मुखिया- ’’कर्ता’’ के नाम से अथवा उनके द्वारा संचालित व्यवसाय के नाम से खोला जा सकता है। इस प्रकार के खाता खोलने में निर्धारित प्रारूप के अलावा एक अतिरिक्त आवेदन फाॅर्म एवं नमूना हस्ताक्षर कार्ड लिया जावे जिसका प्रारूप Annexture-4 में पीछे संलग्न है। इस प्रकार के खातों में बड़े अक्षरों में "HUF Account" खाता खोलने के आवेदन फाॅर्म में नमूना हस्ताक्षर कार्ड में एवं पास बुक में अवष्य लिखा जाना चाहिये। बैंक द्वारा परिवार के मुखिया ’कर्ता’ से एक निर्धारित प्रारूप में घोषणा पत्र (Declaration on Letter) लिया जावे जिसका प्रारूप Annexture-5 में पीछे संलग्न है।
ज) पार्टनरसिप खाता- पार्टनरसिप खाता खोलने के लिये पार्टनरसिप रजिस्टर्ड होने का प्रमाण लिया जाना चाहिये ।
- खाता फर्म के नाम से ही खोला जावे, व्यक्ति विषेष (पार्टनर) के नाम से नही ।
- खाता खोलने के आवेदन फाॅर्म में सभी पार्टनर्स के हस्ताक्षर एवं फोटो अपने समक्ष लेकर उन्हे सत्यापित किया जाना चाहिये साथ ही प्रत्येक पार्टनर की हिस्सेदारी (Official capacity) पत्र लिये जावें नमूना खाता खोलने का फाॅर्म (Annexture-6) में पीछे संलग्न है।
- पार्टनरसिप डीड आवष्यक रूप से अध्ययनोपरांत ली जावे, शंका की स्थिति में वैधानिक सलाहकार से सलाह ली जावे।
- खाता खुल जाने के उपरांत पार्टनरसिप डीड के निर्देषानुसार ही खाते का संचालन किया जाना चाहिये।
- इस प्रकार के खातों में यदि किसी एक पार्टनर द्वारा खाते संचालन में आपत्ति ली जाती है तो बैंक द्वारा उक्त खाते का संचालन रोक देना चाहिये, बाद में समस्त पार्टनर के संयुक्त हस्ताक्षर से लिये गये निर्णय पत्र को लेकर उसके अनुसार खाते का संचालन किया जावे।
- फर्म के पक्ष में जारी किये गये चेक्स एवं डिमांड ड्राफ्ट फर्म के पार्टनर के व्यक्तिगत खातों में जमा नही किये जाना चाहिये।
लिमिटेड कम्पनी के नाम से खाता खोलते समय निम्नानुसार दस्तावेज लिये जाना चाहिये।
- बैंक निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र Annexture-7 में पीछे संलग्न है।
- कम्पनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होने को सत्यापित प्रमाण पत्र।
- कम्पनी के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी कम्पनी के उद्देष्य व्यवसाय का प्रकार संबंधी प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिये।
- बैंक में खाता खोले जाने के निर्णय की सहमति, कम्पनी की सामान्य आम सभा मेें पारित अथवा बोर्ड मेम्बर की मीटिंग में पारित प्रस्ताव की सत्यापित प्रतिलिपि।
- प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी होने की स्थिति में सक्षम अधिकारी का ’’व्यवसाय प्रारंभ रहने’’ का प्रमाण Certificate of Commencement of Business लिया जाना चाहिये, जिसका सत्यापन बैंक के किसी सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिये।
- संचालक मण्डल के सदस्यों की सूची अध्यक्ष एवं कम्पनी के अधिकारियों की सूची पदनाम सहित ली जानी चाहिये।
- इस प्रकार के खाते खोलने के पूर्व कम्पनी के बारे में वर्तमान स्थिति उसके संचालक मण्डल के सदस्य, संस्था के अधिकारियों के बारे में पूर्ण जानकारी लेकर, पूर्ण संतुष्टि की जाना चाहिये।
- संचालक मण्डल द्वारा पारित प्रस्ताव के ही अनुसार खाते का संचालन निर्धारित अधिकारियों एवं निर्धारित शर्तों के अनुसार ही किया जावेगा। खाते के सभी संचालन कर्ता सदस्यों की वर्तमान फोटोग्राफ लिये जाना चाहिये।
- महिला खाते धारक द्वारा यदि शादी के बाद यदि उपनाम बदलने का आग्रह किया जाता है तो उससे विवाह प्रमाण पत्र अथवा शादी कार्ड मूल रूप में लिया जाना चाहिये।
ट्रस्ट खाता (Trust Account)
- ट्रस्ट के नाम से खाता खोलने के पूर्व सभी ट्रस्टियों के संबंध में पूर्ण जानकारी सहित ’’ट्रस्ट डीड’’ (Trust Deed) आवष्यक रूप से ली जाकर उसका अध्ययन, प्रतिबंधित क्षे़त्र एवं सीमाओं को आकलन किया जाना चाहिये ।
- एक निर्धारित प्रारूप में खाता खोलने का आवेदन फाॅर्म लिया जाना चाहिये जिसका प्रारूप Annexture-8 में पीछे संलग्न है।
- सभी ट्रस्टियों को मान्य प्रस्ताव जिसमें खाता खोलने एवं उसका संचालन करने के निर्णय हों, निर्धारित प्रारूप में लिया जाना चाहिये जिसका प्रारूप Annexture-9 में पीछे संलग्न है।
- ट्रस्टी सदस्य अपने अधिकारों का हस्तांतरण नही कर सकता।
- ट्रस्ट के नाम से जारी चेक का भुगतान व्यक्तिगत ट्रस्टी के नाम के खाते में जमा नही किया जावेगा।
- ट्रस्ट के किसी सदस्य द्वारा लिये गये ऋण की वसूली, बैंक ट्रस्ट के नाम से खोले गये खाते से नही कर सकता ।
अन्य खाते - स्कूल/महाविद्यालय (School/College)
- स्कूल प्रधानाध्यापक/प्राचार्य द्वारा अन्य अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से आवेदन पत्र हस्ताक्षर करने चाहिये
- नियम वे शर्तें की प्रति ली जानी चाहिये।
- पारित प्रस्ताव की शर्तों के अनुसार ही खाते का संचालन होगा
- शासन द्वारा अनुदान प्राप्त स्कूल का खाता खोलने के लिये ’’माध्यमिक षिक्षा मण्डल’’ (Board of secondary education) का अनुमति पत्र प्राप्त किया जाना चाहिये।
दीवालिया (Insolvent)
न्यायालय द्वारा दीवालिया घोषित व्यक्ति का खाता नही खोला जा सकेगा ।
पागल (Lunatics)
वैधानिक रूप से पागल व्यक्ति को बैंक में खाता खोलने हेतु कोई प्रतिबंध नही है, शाखा प्रबंधक पूर्ण औपचारिकताएं, आवष्यक सावधानियां/दस्तावेज लेकर मुख्यालय की अनुमति से खाता खोल सकता है।
परिसमापक (Liquidators)
मुख्यालय की अनुमति लेकर ही इस प्रकार के खाते को खोला जा सकता है।

